इस समय पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा हो रही है. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद से ही सियासत भी गरमाई हुई है. भारतीय जनता पार्टी खुलकर पूरे जोर के साथ देश में यूसीसी लाने की बात कर रही है तो विपक्षी दल भी अपने-अपने अंदाज में अपनी राय रख रहे हैं. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी इस कानून का विरोध नहीं करती है.
यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने इस बयान से यूसीसी को समर्थन दे दिया है. हालांकि, उन्होंने इसके साथ ही भाजपा को कुछ नसीहत भी दी है. मायावती ने कहा है कि हमारी पार्टी UCC का विरोध नहीं करती है लेकिन इनको (केंद्र सरकार) सोचना चाहिए कि हमारा देश सर्वधर्म सम्भाव वाला है, इसलिए यहां सबको साथ लेकर चलना है.
उनका कहना है कि यूसीसी से देश एकजुट होगा लेकिन इसको जबरन नहीं बल्कि सबकी सहमति से लागू किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर राजनीति करना ठीक नहीं.
मायावती का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब विपक्ष की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि यूसीसी से केवल मुसलमानों को ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोगों को भी नुकसान होगा. सिख धर्म के लोग भी इसका विरोध कर चुके हैं. विपक्ष की ओर से पूछा गया कि अगर यूसीसी लागू होता है तो आदिवासियों की रूढ़ियों और दलितों का क्या होगा? इस बीच दलितों की राजनीति के दम पर उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती का यूसीसी को लेकर दिया गया बयान अहम माना जा रहा है.